Saturday, March 24, 2012

Who is Anna Hazare ? किसन बापट बाबूराव हजारे


कौन हैं अन्‍ना हजारे? ( Who is Anna Hazare ? )
See Biography of Anna Hazare

किसन बापट बाबूराव हजारे

किसन बाबूराव हज़ारे (जन्म: १५ जून, १९३७), भारत के एक प्रसिद्ध गांधीवादी विचारधारा के सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अधिकांश लोग उन्हें अन्ना हज़ारे (मराठी: अण्णा हज़ारे) के नाम से ही जानते हैं। सन् १९९२ में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे।

 साफ-सुथरी छवि वाले हज़ारे, भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष करने के लिये प्रसिद्ध हैं। जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिये अन्ना ने १६ अगस्त २०११ से आमरण अनशन आरम्भ किया है, जिसे जनता से अपार समर्थन मिल रहा है जिससे घबराकर भारत सरकार भी उनकी मांगों पर विचार करने को राजी हो गयी है।

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जन्म :१५ जून, १९३७,  भिंगार,अहमदनगर, महाराष्ट्र
राष्ट्रीयता : भारतीय
अन्य नाम : किसन बापट बाबूराव हज़ारे
प्रसिद्धि कारण : भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन
धार्मिक मान्यता : हिन्दू
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आरंभिक जीवन :
अन्ना हज़ारे का जन्म १५ जून, १९३७ को महाराष्ट्र के अहमदनगर के भिंगार गांव के एक किसान परिवार में हुआ था । उनके पिता का नाम बाबूराव हज़ारे और मां का नाम लक्ष्मीबाई हज़ारे था । उनका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे। दादा फौज में। दादा की तैनाती भिंगनगर में थी। वैसे अन्ना के पुरखों का गांव अहमद नगर जिले में ही स्थित रालेगन सिद्धि में था। दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया। अन्ना के छह भाई हैं। परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर वह दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे। इसके बाद उन्होंने फूलों की अपनी दुकान खोल ली और अपने दो भाइयों को भी रालेगन से बुला लिया।
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व्यवसाय :
वर्ष १९६२ में भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील पर अन्ना १९६३ में सेना की मराठा रेजीमेंट में ड्राइवर के रूप में भर्ती हो गए। अन्ना की पहली तैनाती पंजाब में हुई। १९६५ में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अन्ना हज़ारे खेमकरण सीमा पर तैनात थे। १२ नवंबर १९६५ को चौकी पर पाकिस्तानी हवाई बमबारी में वहां तैनात सारे सैनिक मारे गए।[इस घटना ने अन्ना की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। इसके बाद उन्होंने सेना में १३ और वर्षों तक काम किया। उनकी तैनाती मुंबई और कश्मीर में भी हुई। १९७५ में जम्मू में तैनाती के दौरान सेना में सेवा के १५ वर्ष पूरे होने पर उन्होंने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली। वे पास के गाँव रालेगन सिद्धि में रहने लगे और इसी गाँव को उन्होने अपनी सामाजिक कर्मस्थली भी ली।
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सामाजिक कार्य :
१९६५ के युद्ध में मौत से साक्षात्कार के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक पुस्तक 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' देखा और खरीद लिया। इसे पढ़कर उनके मन में भी अपना जीवन समाज को समर्पित करने की इच्छा बलवती हो गई। उन्होंने महात्मा गांधी और विनोबा भावे की पुस्तकें भी पढ़ीं। १९७० में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहकर स्वयं को सामाजिक कार्यों के लिए पूर्णतः समर्पित कर देने का संकल्प कर लिया।

रालेगन सिद्धि

मुम्बई पदस्थापन के दौरान वह अपने गांव रालेगन आते-जाते रहे। वे वहाँ चट्टान पर बैठकर गांव को सुधारने की बात सोचा करते थे। १९७८ में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर रालेगन आकर उन्होंने अपना सामाजिक कार्य प्रारंभ कर दिया। इस गांव में बिजली और पानी की ज़बरदस्त कमी थी। अन्ना ने गांव वालों को नहर बनाने और गड्ढे खोदकर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया और ख़ुद भी इसमें योगदान दिया। अन्ना के कहने पर गांव में जगह-जगह पेड़ लगाए गए। गांव में सौर ऊर्जा और गोबर गैस के जरिए बिजली की सप्लाई की गई।[2] उन्होंने अपनी ज़मीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी और अपनी पेंशन का सारा पैसा गांव के विकास के लिए समर्पित कर दिया। वे गांव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं। आज गांव का हर शख्स आत्मनिर्भर है। आस-पड़ोस के गांवों के लिए भी यहां से चारा, दूध आदि जाता है। यह गांव आज शांति ,सौहर्द एवं भाईचारे की मिसाल है।

[संपादित करें] महाराष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन १९९१

१९९१ में अन्ना हज़ारे ने महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा की सरकार के कुछ 'भ्रष्ट' मंत्रियों को हटाए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की। ये मंत्री थे- शशिकांत सुतर, महादेव शिवांकर और बबन घोलाप। अन्ना ने उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाया था। सरकार ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन अंतत: उसे दागी मंत्रियों शशिकांत सुतर और महादेव शिवांकर को हटाना ही पड़ा।[3] घोलाप ने अन्ना के खिलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर दिया। अन्ना अपने आरोप के समर्थन में न्यायालय में कोई सबूत पेश नहीं कर पाए और उन्हें तीन महीने की जेल हो गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने उन्हें एक दिन की हिरासत के बाद छोड़ दिया। एक जाँच आयोग ने शशिकांत सुतर और महादेव शिवांकर को निर्दोष बताया। लेकिन अन्ना हज़ारे ने कई शिवसेना और भाजपा नेताओं पर भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए।

सूचना का अधिकार आंदोलन १९९७-२००५
१९९७ में अन्ना हज़ारे ने सूचना का अधिकार अधिनियम के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान से अपना अभियान शुरु किया। ९ अगस्त, २००३ को मुंबई के आजाद मैदान में ही अन्ना हज़ारे आमरण अनशन पर बैठ गए। १२ दिन तक चले आमरण अनशन के दौरान अन्ना हज़ारे और सूचना का अधिकार आंदोलन को देशव्यापी समर्थन मिला। आख़िरकार २००३ में ही महाराष्ट्र सरकार को इस अधिनियम के एक मज़बूत और कड़े मसौदे को पारित करना पड़ा। बाद में इसी आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले लिया। इसके परिणामस्वरूप १२ अक्टूबर २००५ को भारतीय संसद ने भी सूचना का अधिकार अधिनियम पारित किया। अगस्त २००६, में सूचना का अधिकार अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव के खिलाफ अन्ना ने ११ दिन तक आमरण अनशन किया, जिसे देशभर में समर्थन मिला। इसके परिणामस्वरूप, सरकार ने संशोधन का इरादा बदल दिया।

महाराष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन २००३
२००३ में अन्ना ने कांग्रेस और एनसीपी सरकार के चार मंत्रियों; सुरेश दादा जैन, नवाब मलिक, विजय कुमार गावित और पद्मसिंह पाटिल को भ्रष्ट बताकर उनके ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी और भूख हड़ताल पर बैठ गए। तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने इसके बाद एक जांच आयोग का गठन किया। नवाब मलिक ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। आयोग ने जब सुरेश जैन के ख़िलाफ़ आरोप तय किए तो उन्हें भी त्यागपत्र देना पड़ा। [2]

लोकपाल विधेयक आंदोलन २०११

JanLokPal : Anna Hazare returns to Jantar Mantar tomorrow , Delhi Police gears for Anna Hazare's protest

Anna Hazare returns to Jantar Mantar tomorrow , Delhi Police gears for Anna Hazare's protest

More than 1,000 police personnel will be deputed here at Jantar Mantar where Anna Hazare will sit on a day-long protest on Sunday, a senior police officer said on Saturday.

Delhi Police have given conditional permission to Team Anna for the protest on the issue of alleged killings of several honest men and officers by organised mafia or in terror attacks.
Additional Deputy Commissioner of Police Seju Kuruvilla said a legal undertaking has been taken from team Anna.
"The organisers have confirmed the presence of the father of IPS officer Narendra Kumar who was killed in Morena district of Madhya Pradesh while intercepting a tractor-trolley carrying illegally-mined stones," he said.
He said the family of Indian Oil Corporation officer Manjunath Shanmugam, who was shot dead in Lakhimpur Kheri while trying to stop sale of adulterated oil, is also likely to be present at Jantar Mantar Sunday.
Kuruvilla further added that team Anna informed him about the presence of around 40 such families at Jantar Mantar whose kin were either killed by mafia or during terror attacks.
"We have told them that the crowd should not be more than 1,000 people. Around 10 metal detectors will be placed at three entry points with 1,000 police personnel to avoid any untoward incident," he added.
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After recuperating from illness for several weeks, anti-graft crusader Anna Hazare will hold a one-day fast at Delhi’s Jantar Mantar on Sunday.
Former IPS officer and aide of Hazare, Kiran Bedi on Saturday said the whistleblowers’ families have been invited to attend the Anna’s one day fast on Sunday.
“We have invited more than 25 families of whistleblowers for tomorrow’s one day fast by Anna Hazare at Jantar Mantar, who will put forward their cases about what happened to them and whether or not they got justice till now or not,” said Bedi.
She further said till now whistleblowers have waged a lone battle against corruption and at times paid a price with their lives.
“Our analysis tells us that these whistleblowers have been fighting their own battles, and in some instances lost his life as well and justice was also not meted out to them. Had there been a well established Lokpal, Lokayukta then these people would have gone to them and appealed for justice and protection,” she said.
Bedi added that inclusion of whistleblower clause is vital to the structure of Lokpal and Lokayukta act
“The inclusion of whistleblower clause, in Lokpal and Lokayukta act, which is there in Jan Lokpal bill and not in Lokpal bill, is very important,” she added.
Anna, who gave the clarion call to wage a nation wide war against corruption last year evoked a massive response from people across the social and economic spectrum initiating a national debate to bring in the Lokpal Act.
Prime Minister Dr Manmohan Singh had a discussion with leaders of political parties yesterday to arrive at a consensus over the provisions of the Lokpal bill.
 News : Times of India , DNA (24.3.12)

JanLokpal : Tomarrow Anna Again on Hunger Strike, Police ready for any happening

दिल्ली में कल अनशन पर अन्ना, पुलिस ने कसी कमर (JanLokpal : Tomarrow Anna Again on Hunger Strike, Police ready for any happening)

दिल्ली पुलिस ने रविवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अन्ना हजारे के जंतर-मंतर पर एक दिन के अनशन के मद्देनजर अपनी कमर कस ली है। अनशन के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए अनशन स्थल पर एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने टीम अन्ना को कई ईमानदार लोगों और अधिकारियों की कथित तौर पर संगठित माफिया गिरोहों द्वारा या आतंकवादी हमलों में की गई हत्याओं के मामलों को लेकर अनशन करने के लिए सशर्त अनुमति दी है।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सेजु कुरुविल्ला ने बताया कि टीम अन्ना से हलफनामा ले लिया गया है। उन्होंने कहा, "आयोजकों ने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में अवैध खनन का विरोध करने पर ट्रैक्टर-ट्रॉली द्वारा कुचल दिए गए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी नरेन्द्र कुमार के पिता के अनशन के दौरान उपस्थित रहने की पुष्टि की है।"

कुरुविल्ला ने बताया कि लखिमपुर खिरी में मिलावटी तेल की बिक्री रोकने के प्रयास में अपनी जान गंवाने वाले इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन के अधिकारी मंजूनाथ षणमुगम का परिवार भी रविवार को जंतर-मंतर पर उपस्थित रहेगा।

उन्होंने कहा कि टीम अन्ना ने ऐसे लगभग 40 परिवारों के अनशन स्थल पर उपस्थित रहने की जानकारी दी है, जिनका कोई सदस्य माफियाओ द्वारा या फिर आतंकवादी हमलों में मारा गया है।
उन्होंने यह भी कहा, "हमने टीम अन्ना का कहा है कि अनशन स्थल पर एक हजार लोगों से अधिक की भीड़ नहीं होनी चाहिए। कोई भी अप्रिय घटना न हो इसके लिए तीन प्रवेश द्वारों पर 10 मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा एक हजार पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है।"

Saturday, January 7, 2012

Jan LokPal Bill

जन लोकपाल (Jan LokPal Bill)
आज हिंदुस्तान का आम आदमी सरकार की स्वच्छ छवि चाहता है और अन्ना जी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था
ऐसा नहीं है की उनके आन्दोलन को या विचार को समर्थन नहीं है जैसा की आजकल प्रतीत होता है की मुंबई में उनका आन्दोलन सफलता प्राप्त नहीं कर  पाया
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है कि उनके जन लोकपाल में ऐसी क्या खराबी थी जो वह पारित नहीं हो सका ,
अगर हम पीछे मुड करे देखें तो पाएंगे की हमारे रास्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अपने लिए किसी तरह की सुविधा - कार, आलीशान बंगला , एर कंडीशनर इत्यादि नहीं ली
नेता / सरकारी अफसर तो जन सेवक हैं तो उन्हें जन लोकपाल की परिधि में आने से डर किस बात का |
सरकार में अक्सर कई काम समय पर नहीं होते और जिम्मेदारी का कोई भय नहीं होता , इन सब को व्यस्थित करने के लिए कारगर उपाय की भी कमी है
क्यों न सभी सरकारी विभागों की अटेंडेंस किसी और विभाग के हाथ मैं हो , ग्रुप सी एम्प्लोई से ही सबसे ज्यादा आम आदमी को काम पड़ता है वो क्यों नहीं जन लोकपाल की परिधि में आना चाहिए
सभी जानते हैं कि कितने लोग ड्राइविंग लाइसेंस के एक्साम देते है और कितने ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं |
ट्रेन में आपका पाला टिकट चेकर (ग्रुप सी एम्प्लोई ) से पड़ता की अधिकारी से
अभी शायद कुछ समय पहले अरबिंद केजीवल ने कहा था की जैसे हमें बैंक अकाउंट की जानकारी एस एम् एस के जरिये मिल सकती है तो जन सुविधाएँ एस एम् एस के जरिये ( की आपकी फाइल / एप्लीकेसन कहाँ पहुँची ) दी जाएँ या कोई कारगर कदम उठाएं

Responsibilty of making strong Jan-Lokpal is in the hands of all political parties (Congress, BJP, SP, BSP,CPM, JDU,BJD,TC,AIADMK,DMK,Shivsena etc.)
And Jan Lokpal implementation should be in such a way so that influence of Foreign powers negligible,
Not weak our current system.
Goverment can make a VOTING from all Graduates of Indian Public just like an Objective Paper, And important points/facts can be taken out instead of passing it in PARLIAMENT.
After that its implementation if taken in PARLIAMENT then it can really helpful.