Friday, October 28, 2011

टीम अन्ना की कोर कमेटी होगी भंग

टीम अन्ना की कोर कमेटी होगी भंग ( Dissolution of Anna's Core Commitee)

केंद्र की संप्रग सरकार और उसकी अगुआई कर रही कांग्रेस की ओर से लगातार तेज होते जा रहे हमलों के मद्देनजर टीम अन्ना ने भी अपनी रणनीति बदल दी है। अब संगठन की औपचारिक व्यवस्था को ही खत्म कर दिया जाएगा। खुद अन्ना हजारे इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं थे, लेकिन उनकी रजामंदी के बाद अब कोर कमेटी मंगलवार को खुद को भंग करने का प्रस्ताव पारित करेगी।
शनिवार को कोर कमेटी की बैठक के दौरान बेहद चौंकाने वाला फैसला किया जा सकता है। अधिकतर सदस्यों में इस बात पर सहमति हो गई है कि आंदोलन के दौरान शुरू की गई कोर कमेटी की औपचारिक व्यवस्था को फिलहाल खत्म कर दिया जाए। प्रस्ताव में कहा जाएगा 'कोर कमेटी में अब सिर्फ 24 नहीं, बल्कि देश के 121 करोड़ लोग शामिल होंगे।'
कोर कमेटी के एक सदस्य कुमार विश्वास ने शुक्रवार को अन्ना को संबोधित पत्र सार्वजनिक कर इस बात के संकेत भी दे दिए। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है 'सत्ताधारी पार्टी के नेतागण आपकी और कोर कमेटी के एक-एक व्यक्ति की सार्वजनिक छवि और विश्वसनीयता को धूमिल करने में जी-जान से जुटे हुए हैं।' विश्वास ने लिखा है कि वर्तमान कोर कमेटी को स्थगित कर नई व्यवस्था खड़ी की जाए। इसी तरह मेधा पाटकर ने भी इस कदम की ओर संकेत दिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक के बाद एक लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, उसे देखते हुए आंदोलन के लिए भी रणनीति बदलना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि जो भी कदम उठाया जाएगा, वह आपसी मतभेद की वजह से नहीं है। इसका मकसद साजिश रचने वालों को उनके मकसद में नाकाम करना है।
गांधीवादी नेता पीवी राजगोपाल और जल पुरुष राजेंद्र सिंह के इस्तीफे के बाद इस समय कोर कमेटी में कुल 24 सदस्य हैं। इनमें संतोष हेगड़े, मेधा पाटकर और कुमार विश्वास को छोड़ कर बाकी सदस्यों ने शनिवार की बैठक में मौजूद रहने की सहमति दी है। इन तीनों ने अपने पहले से तय कार्यक्रमों की वजह से माफी मांगते हुए हर फैसले में खुद को शरीक माने जाने की बात कही है।
अन्ना को हालांकि इस प्रस्ताव के लिए राजी कर लिया गया है, लेकिन बैठक खत्म होते ही अरविंद केजरीवाल इस प्रस्ताव के साथ अन्ना के गांव रालेगण सिद्धि रवाना हो जाएंगे। पिछले कुछ दिनों से टीम अन्ना के सदस्य लगातार कई तरह के विवादों में घिरे हुए हैं। इसमें कश्मीर पर जनमत संग्रह के संबंध में प्रशांत भूषण के बयान से लेकर किरण बेदी की ओर से अपनी हवाई यात्रा के लिए कार्यक्रमों के आयोजकों से ज्यादा रकम वसूलने तक के मामले शामिल हैं।
News source : http://in.jagran.yahoo.com/news/national/politics/Crucial-Team-Anna-meeting-tomorrow_5_2_8409359.html
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बैठक में शामिल नहीं होंगे अन्ना, हेगड़े और पाटकर
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने टीम में मतभेदों की अटकलों के बीच शनिवार को होने वाली इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की कोर कमेटी की बैठक में 'स्वास्थ्य कारणों' से शामिल नहीं होने की बात कही है, वहीं कोर कमेटी के एक सदस्य कुमार विश्वास ने इसे भंग कर इसकी जगह बड़ी समिति बनाने का सुझाव दिया है।

इस बीच, अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चूंकि आईएसी एक पंजीकृत संगठन नहीं है, इसलिए इसके नाम पर बैंक खाते नहीं खुल सकते। मौन व्रत पर चल रहे अन्ना हजारे के एक सहयोगी ने रालेगण सिद्धि में बताया कि वह गाजियाबाद में होने वाली आईएसी की कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि उनका 'स्वास्थ्य' ठीक नहीं है। गुरुवार को अन्ना हजारे ने अपने ब्लॉग पर लिखा था, ''मेरा स्वास्थ्य अब भी मुझे मौन व्रत तोड़ने की अनुमति नहीं देता। मेरे पैर में अब भी सूजन है और घुटने मुझे परेशान कर रहे हैं।''


अन्ना हजारे के अतिरिक्त आईएसी की कोर कमेटी के दो अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों- संतोष हेगड़े और मेधा पाटकर ने भी अलग-अलग कारणों से गाजियाबाद में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होने की बात कही है। टेलीविजन चैनल से बातचीत में पाटकर ने कहा कि वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी मुद्दों पर स्वतंत्र तथा निष्पक्ष ढंग से चर्चा होगी।

उधर बेंगलुरू में हेगड़े ने कहा कि मुम्बई में व्यक्तिगत व्यस्तताओं की वजह से वह बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अन्ना की वास्तविक ताकत आम लोग हैं, न कि कोर कमेटी के कुछ सदस्य। उन्होंने खुद को टीम अन्ना के साथ बताया, लेकिन केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और प्रभावी लोकपाल को लेकर। उन्होंने साफ कहा कि इस मुद्दे के अतिरिक्त मैं किसी भी व्यक्ति के साथ नहीं हूं।

यह बैठक आईएसी के सदस्यों अरविंद केजरीवाल तथा किरण बेदी के खिलाफ लगे वित्तीय अनियमितता के आरोपों और प्रशांत भूषण द्वारा कश्मीर में जनमत संग्रह के समर्थन में दिए गए बयान तथा उसके बाद उनके खिलाफ हुए हमले पर चर्चा के लिए बुलाई गई है।

इस बीच, विश्वास ने अन्ना हजारे को पत्र लिखकर कोर कमेटी को भंग कर इसके स्थान पर नई समिति बनाने की सलाह दी है। उनके अनुसार, अधिकतर समय कोर कमेटी के खिलाफ लगने वाले आरोपों का जवाब देने में जाया हो रहा है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मौजूदा कोर कमेटी को भंग कर दें और इसके स्थान पर नई समिति बनाएं।

वहीं, केजरीवाल ने अगस्त में जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के 12 दिन के अनशन के दौरान जनता से अनुदान के रूप में मिले 70-80 लाख रुपये अपने ट्रस्ट पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन के लिए लेने के आरोपों के जवाब में कहा कि आईएसी आंदोलन है, पंजीकृत संगठन नहीं और इसलिए इसके नाम पर बैंक खाता नहीं खुल सकता।
News Source : http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-story-39-39-198125.html
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टीम मेंबर्स की अपील, इस कोर कमिटी को भंग कर दें अन्ना

क्या टीम अन्ना में बिखराव शुरू हो गया है ? यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि टीम अन्ना की कोर कमिटी की बैठक से एक दिन पहले खुद इसके सदस्यों ने कमिटी भंग करने की मांग कर दी है। इन सदस्यों ने इस मांग को सार्वजनिक करते हुए इस पर बयानबाजी भी शुरू कर दी है।

जन लोकपाल आंदोलन की कोर कमिटी की मीटिंग से एक दिन पहले शुक्रवार को इसके दो अहम सदस्यों ने अन्ना हजारे से इसे भंग करने की अपील की। यह अपील मेधा पाटकर और कुमार विश्वास ने की है। कुमार विश्वास ने अन्ना हजारे को पत्र लिख कर यह मांग की। एक अन्य अहम सदस्य जस्टिस संतोष हेगड़े ने भी इस मांग का समर्थन किया है।

कुमार विश्वास की अन्ना को लिखी पूरी चिट्ठी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

टीम अन्ना की मेंबर मेधा पाटकर ने टीम अन्ना में बदलाव की जरूरत बताई है। मेधा पाटकर ने कहा कि टीम के कई सदस्यों पर आरोप लगे हैं , ऐसे में टीम में बदलाव किया जाना चाहिए। शनिवार को होने वाली टीम अन्ना की बैठक में भी मेधा पाटकर शामिल नहीं होंगी। इस मीटिंग में अन्ना समेत कई मेंबर शामिल नहीं होंगे।

मेधा पाटकर ने कहा , ‘ हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है लेकिन टीम में बदलाव जरूरी है क्योंकि टीम के कुछ सदस्यों पर कई आरोप लगे हैं और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

जन लोकपाल पर अन्ना के आंदोलन में सहयोगी रहे प्रफेसर कुमार विश्वास ने अन्ना हजारे को चिट्ठी लिखकर नई कोर कमिटी बनाने की अपील की है। मुशायरों में अक्सर रंग जमाने वाले कुमार विश्वास चाहते हैं कि अन्ना इस वक्त की कोर कमिटी को 121 करोड़ भारतीयों की हार्ड कोर कमिटी में तब्दील कर दें।

कुमार विश्वास के मुताबिक वह अन्ना से यह मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि जन लोकपाल , राइट टु रिजेक्ट , राइट टु रिकॉल समेत व्यवस्था बदलने वाले कई आंदोलनों में एक नई कोर कमिटी और एक नई टीम अन्ना की जरूरत पड़ेगी।

कुमार विश्वास ने अपने लेटर की शुरुआत इस तरह से की है कि वह अन्ना के मौन व्रत की ऊर्जा भंग नहीं करना चाहते थे लेकिन बहुत मजबूर होकर वह यह काम कर रहे हैं।

2 पेज के लेटर में कुमार विश्वास ने पीएम मनमोहन सिंह और सरकार की भी आलोचना की है। कुमार विश्वास ने लिखा , ' रामलीला मैदान में उमड़ी जनता की शक्ति और विश्वभर में हुए उसके समर्थन ने केंद्र सरकार को मजबूर किया कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत जन लोकपाल लाने की तरफ कदम बढ़ाए। लेकिन कुछ भ्रामक कदम उठाने के अलावा सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। एक ओर तो माननीय प्रधानमंत्री जी पत्र लिख कर आपको आश्वस्त करते हैं कि लोकपाल की दिशा में आवश्यक कार्रवाई होगी तो दूसरी ओर सत्ताधारी पार्टी के नेता आपकी और कोर कमिटी के एक-एक व्यक्ति की सार्वजनिक छवि और विश्वसनीयता को धूमिल करने में जी-जान से जुटे हैं। '
बाद में टीम अन्ना के एक और अहम सदस्य जस्टिस संतोष हेगड़े ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि कोर् टीम का दायरा बढ़ाने की मांग से वह भी सहमत हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि अन्ना की ताकत कोर टीम नहीं बल्कि देश के आम लोग हैं। उन्होंने कहा कि कोर टीम की मीटिंग में शामिल न हो पाने का यह मतलब नहीं है कि वह टीम में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक जन लोकपाल बिल लाने की मांग का और करप्शन के खिलाफ आंदोलन का सवाल है वह पूरी शिद्दत से टीम अन्ना में शामिल हैं। इसके अलावा किसी और बात से उन्हें मतलब नहीं है।
News source: http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10517356.cms
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Medha, Hegde, Anna won't attend core committee meeting tomorrow

Amid deepening controversies over some of its most influential members, Team Anna's core committee meets tomorrow in Delhi. Anna, 74, will not attend; he has extended his "maun vrat" or vow of silence. Medha Patkar and Justice Santosh Hegde will also be absent.
There is much on the table for discussion - reports of deep dissent within the team, accusations of financial malpractices, and the group's agenda for the next few months. A member of the core committee, which has 26 representatives including Anna, has asked that the entire group be suspended and replaced with a larger team.
In a letter sent to Anna today, Kumar Vishwas has said that the Congress is trying to discredit members of the core committee. "Such attacks and the subsequent clarifications will strengthen the conspiracy to divert the attention from the key issues. I request you to give greater representation to the Core Committee consisting of limited members," he wrote

Mr Vishwas, a college lecturer and poet, said the personal attacks on Core Committee members by "corrupt forces" were proof that these people were trying to  "neutralise and hurt" those fighting graft.

Ms Patkar, one of the most-respected members of the committee, who will not be at tomorrow's session denied reports of deepening divides within the group. "I don't think there is a difference of opinion. The only thing is a bit of overhauling is certainly becoming necessary because there are a number of allegations and Core Committee members are being targeted," she said.
But Rajinder Singh, who quit the Core Committee earlier this month and is known for his work in water conservation, suggested that the reports of rifts are not exaggerated. He described Kiran Bedi and Arvind Kejriwal, prominent faces of Anna's movement, as "the most arrogant members in the habit of throwing their weight about and imposing themselves on others."
Since April this year, Anna and his group of civil society activists have turned into national icons because of their India Against Corruption campaign. Their agenda is to ensure that the government introduces a new anti-graft Lokpal Bill - named for the ombudsman agency or Lokpal that will have the power to investigate corruption among government servants.
The government says that Team Anna's vision of the Bill is unrealistic and gives the Lokpal sweeping powers. The activists believe that the government has no interest in creating an agency that is truly equipped to take on politicians and bureaucrats.
The clash between the two sides pushed Anna into two hunger strikes this year - both reverberated across the country, drawing lakhs to his sit-in protests in Delhi.
But lately, the activists have been drawing attention for other reasons. Activist-lawyer Prashant Bhushan was attacked this month at his Supreme Court chamber for stating that a referendum is needed in Kashmir to determine the state's political future.
Anna said his team does not subscribe to Mr Bhushan's views; whether he will remain part of Anna's inner circle is likely to be discussed tomorrow.
Another prominent Anna aide - former policewoman Kiran Bedi - has acknowledged that when she was invited to address seminars and conferences, she charged her hosts for business class tickets though she flew economy. Ms Bedi has said the difference remained with her NGO - and the savings helped to create more funds. But many have pointed out that generating false travel statements and bills cannot be passed off as a Robin Hood-esque gesture.
There's also an internal conflict over whether Team Anna is getting too political in its operations. A few weeks ago, two members of the core committee quit over the decision by Anna to target the Congress during the Hisar election. Ms Bedi and Anna's closest aide, Mr Kejriwal, campaigned vigorously, asking voters to spurn the Congress.
They said they wanted the public to make it clear that it is the Congress' responsibility - as the main party in power at the Centre - to deliver the Lokpal Bill. If it fails, Anna has warned, he will campaign personally against the Congress in the election for Uttar Pradesh.
That's when "waterman" Rajinder Singh and land rights activist P V Rajgopal quit the core committee, arguing that Anna and his activists should focus solely on the Lokpal Bill, and not engage in hurting or helping a political party.
"I was in Nairobi when Hazare decided to support a political candidate in Hisar and I immediately parted ways with Team Anna as I did not want to become part of a power brokering process," said Mr Singh.  
Mr Kejriwal has been accused of diverting donations worth Rs. 80 lakhs made to Anna's movement to a trust headed by him. He has said a thorough audit is being conducted, and details of how all donations were handled will soon be made public.
Mr Kejriwal has also been asked by the Income Tax department to pay nine lakh as a penalty for violating the terms of his employment as an Indian Revenue Service officer; he quit in 2006
News source : http://www.ndtv.com/article/india/medha-hegde-anna-wont-attend-core-committee-meeting-tomorrow-144746
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SEE LETTER WRITTEN BY - SH. KUMAR VISHWASH TO ANNAJI -
अन्ना हजारे को कुमार विश्वास का पत्र- कोर कमेटी भंग करें
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श्रीमान अन्ना हजारे, रालेगन सिद्धि, महाराष्ट्र, आदरणीय अन्ना जी, प्रणाम, आशा है आप स्वस्थ एवं सानंद होंगे. पिछले कुछ दिनों से एक विशेष मुद्दे पर आप से बात करने का मन था. यद्यपि मैं नहीं चाहता था कि आपके पवित्र मौन की ऊर्जा इस षड्यंत्रकारी कोलाहल की सूचना से भंग करूँ, तथापि मैं विवश हो कर यह पत्र आपको लिख रहा हूँ.
व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध जब आपने बिगुल बजाया, तो कोटि-कोटि उद्वेलित और चेतना-संपन्न भारतीय आपके सात्विक नेतृत्व में बढ़ चले. स्वाधीनता के बाद देश को पहली बार ऐसा लग रहा है कि स्वराज और जनतंत्र की मूल अवधारणा, विचार और क्रिया के स्तर पर एक होने वाली है. रामलीला मैदान पर आपके साहसिक अनशन ने पूरे देश में एक ऐसी सकारात्मक ऊर्जा का समावेश किया है, जिसे रोक पाना भ्रष्ट ताक़तों के बस में नहीं है. एक बड़े सरोकार को पाने की दिशा में बढ़ते भारत के इस अहिंसक और शक्तिशाली आवेग को देख कर पूरा विश्व आपके नेतृत्व को श्रद्धा से प्रणाम कर रहा है.

रामलीला मैदान में उमड़ी जनता की शक्ति ने तथा विश्व भर में हुए उसके समर्थन ने केंद्र सरकार को मजबूर किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मज़बूत जन-लोकपाल लाने की तरफ कदम बढ़ाए. लेकिन कुछ भ्रामक कदम उठाने के अलावा सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्यवाई नहीं की. एक ओर तो माननीय प्रधानमंत्री जी पत्र लिख कर आपको आश्वस्त करते हैं कि लोकपाल की दिशा में आवश्यक कार्यवाई होगी, तो दूसरी ओर सत्ताधारी पार्टी के नेतागण आपकी और कोर कमिटी के एक-एक व्यक्ति की सार्वजनिक छवि एवं विश्वसनीयता को धूमिल करने में जी-जान से जुटे हैं.

दरअसल इस संघर्ष में विराट जन-शक्ति के अलावा तीन महत्वपूर्ण भाग और हैं, जिन में आप के नेतृत्व, आप के सन्देश के अतरिक्त एक संगठनात्मक  ढांचा भी प्रमुख तत्व है .

आन्दोलन का नेतृत्व आपके हाथो में है जिस के प्रति पूरे देश को अखंड और अटूट विश्वास है. यही कारण है कि आप को लक्ष्य करना भ्रष्टाचारियों के बस में अब नहीं है .पहले जब कुछ राजनैतिक चेहरों द्वारा आपके ऊपर मौखिक रूप से हमला करने की जो कोशिश की गयी, तब उसे जनता ने एक सिरे से ख़ारिज कर दिया था. अत: यह भ्रष्ट, कुचक्री और षड्यंत्रकारी ताक़क्तें समझ गयी हैं की आप पर हमला करने से जन-लोकपाल के बढ़ते क़दमों को रोकना संभव नहीं.

आन्दोलन का सन्देश भी आप की ही तरह सरल और स्पष्ट है- "भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सार्थक संवैधानिक लड़ाई". संपूर्ण देश को इस पवित्र आन्दोलन के सन्देश (उद्देश्य) पर भी रंच मात्र संदेह नहीं है. पूरा देश भ्रष्टाचार से व्यथित हैं. इसलिए वाह आपकी एक आवाज़ पर चल पड़ने के लिए तत्पर है.

इस आन्दोलन की तीसरी महत्त्वपूर्ण कड़ी हैं वे कुछ लोग, जो आपके सहायक के रूप में इस आन्दोलन के लिए अहर्निश कार्यरत हैं. इन सब सामान्य पारिवारिक भारतीय नागरिकों की व्यथा भी अपने करोड़ों भारतीय भाई-बहिनों की तरह भ्रष्टाचार से उपजी अराजकता ही है. इन सब लोगो के समूह, जिसे सामान्य लोग 'कोर-कमिटी' और मीडिया के मित्र 'टीम-अन्ना' कहते हैं, पर भ्रष्ट ताक़तों की ओर से एक-एक कर किए गए व्यक्तिगत हमले इस बात का प्रमाण हैं, कि ये ताक़ते इस बड़े संघर्ष में सक्रिय लोगों को झूठे, तात्कालिक, बे-बुनियाद और छोटे आरोपों कि आड़ में आहत, तटस्थ या निष्क्रिय करना चाहती हैं. इन सब भ्रष्टाचारियों का मुख्य उद्देश्य इस जन-आन्दोलन को कमज़ोर करना और जन-लोकपाल की बजाए संगठन को ज्यादा बड़ा मुद्दा बना कर भ्रामक तथ्यों के आधार पर आन्दोलन को दिशा-भ्रमित करना है. ये वही लोग हैं जो सार्वजनिक रूप से सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों या समूहों को धमकी देते हैं कि उन का भी वही हाल किया जायेगा जो ऐसी आवाज़ उठाने वाले अन्य लोगों का पूर्व में किया जा चुका है. यद्यपि हम ऐसे लोगों या ताकतों को अपने विचार या मन में कुछ भी स्थान नहीं देते किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि इन सब हमलों और उन की सफाई देने से मूल मुद्दे से धयान हटाने का इन का षड़यंत्र बलशाली होगा. ऐसा होने पर न केवल जन-लोकपाल का मुद्दा प्रभावित होगा, अपितु करोडो भारतवासियों के उस विश्वास को भी आघात पहुंचेगा, जिसमे वो संवैधानिक, अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से देश की समस्याओं का हल ढूंढते हैं.

ऐसी स्थितयों में बड़ी सहजता, आदर और आपके अद्वितीय नेतृत्व में संपूर्ण विश्वास के साथ मैं यह निवेदन करना चाहता हूँ, कि आप सीमित लोगों की इस कोर कमिटी को विस्तार दे कर इसे १२१ करोड़ लोगों की 'हार्ड-कोर कमिटी' में रूपांतरित कर दें. जैसा कि आप भी कहते हैं, कि ये लड़ाई व्यक्ति या सत्ता परिवर्तन की नहीं, बल्कि व्यवस्था-परिवर्तन की लड़ाई है. जन-लोकपाल के साथ-साथ और बाद में 'राईट तो रिजेक्ट', 'राईट तो रिकाल' तथा अन्य महत्त्वपूर्ण व्यवस्था परिवर्तक आन्दोलन जो हमें देश की जनता के साथ मिलकर लड़ने हैं, उनमें आपको हर मोर्चे पर एक नयी 'कोर-कमिटी' और एक नयी 'टीम अन्ना' की ज़रुरत पड़ेगी, जो आप की एक आवाज़ पर चल पड़ने के लिए उत्सुक, प्रतिबद्ध एवं प्रस्तुत हैं. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मैं पुन: आपसे निवेदन करता हूँ कि आप इस वर्तमान कोर कमिटी को स्थगित कर एक नयी व्यवस्था का सृजन करें, जिस से भ्रष्टाचार-मुक्त नव-भारत का हम सब का सपना साकार हो सके.
सादर
डा. कुमार विश्वास
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Source : http://bhadas4media.com/index.php/vividh/150-2011-10-28-13-47-39
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Some comments collected from Internet made by public
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लगता है कोगरेश की राजनीति क महा घाघ लोगा अन्ना की टीम क उपर हावी हो गये है |उन्होने अपनी धूरता से अन्ना की टीम क बीच मत भेद पेदा कर उन क बीच मे अविशवास का माहोल वना दिया है | ये अन्ना क बुधि जीवी भी वेवकूफ लोगो जैसा आचरण कर रहे लगता इनका विवेक काम नही कर रहा है \ ये उस कहानी को शायद भूल गये जिसमे एक व्यति मे अपने बेवकूफ़ बच्चो को समझाने �क लिए लकड़ी मागाई और उनको एक -एक कर तोड़ने क लिए कहा उन्होने एक एक कर लकड़ी तोड़ ड �डाली उस बुढे ने उनको लकड़ी को एक साथ बाँध कर तोड़ ने को कहा लेकिन इस बार वे सब इल कर उन लकड़ी क गतर को तोड़ नही पाए इस पर उस व्यक्ति ने उन्हे समझाया की अगर तू अलग -अलग रहोगे तो तुम्हे लकड़ी की तरह तोड़ डालेगे और अगर इनकी �तरह एक साथ रहोगे तो तुम्हे कोई भी नही तोड़ पाएगा और तुम दुनिया मे सफल होगे |अन्ना की तीम को चाहिये की वह इस बात को समझे और वेवकूफी छोड़ कर पुन एक साथ मिलकर चले | अपने लक्ष्य को हासिल करे हमारी शुभ कामना आपके साथ है
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मुझे एसा लगता है की सरकार अपने योजना मे सफल हो रही है टीम अन्ना को तोड़ने कि....................ंमुझे दर है कही जो दिया अन्ना  ने जलाया है वो बुझ ना जाए
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Anna's team should think who is important? Whether a MAN or COUNTRY. Give up Ego and march towards your goal that benefits the country
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Anna need to take permission from Nagpur RSS ,to fill the new members of core commitie.He will take what ever comes from it
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I guess we can soon understand if the core committee is really committed to the cause and will willing hand over the reigns to other equally capable members
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If any of the core committee member express his own views on the performance of a particular member,it cannot be treated as a difference of opinion ,rather it is a mark of FREEDOM OF EXPRESSION.How many Ministers in the UPA has the gut to express his own views on any serious issue without getting prior permission from the BIG BOSS.There the Boss is always right.
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