Friday, October 28, 2011

Letter to Annaji by Sh. Kumar Visvash

Letter to Annaji by Sh. Kumar Visvash

Letter to Anna  Hazareji


ीमान अ ा हजारे रालेगन िसि महारा आदरणीय अ ा जी, णाम आशा है आप

स्वस्थ एवं सानंद ह गे.
िदनांक- 28-10-2011
िपछले कु छ िदन से एक िवशेष मु े पर आप से बात करने का मन था. य िप म नह चाहता था िक आपके पिव मौन की ऊजार् इस ष िलख रहा हूँ. वस्था म ा ाचार के िवरु जब आपने िबगुल बजाया, तो कोिट-कोिट उ िलत और चेतना-संप े भारतीय आपके साित्वक नेतृत्व म बढ़ चले. स्वाधीनता के बाद देश को पहली बार ऐसा लग रहा है िक स्वराज और जनतं की मूल अवधारणा, िवचार और ि या के स्तर पर एक होने वाली है. रामलीला मैदान पर आपके साहिसक अनशन ने पूरे देश म एक ऐसी सकारात्मक ऊजार् का समावेश िकया है, िजसे रोक पाना देख कर पूरा िव िकया िक आपके नेतृत्व को ा से णाम कर रहा है. ने तथा िव भर म हुए उसके समथर्न ने क सरकार को मजबूर ताक़त के बस म नह है. एक बड़े सरोकार को पाने की िदशा म बढ़ते भारत के इस अिहसक और शि शाली आवेग को रामलीला मैदान म उमड़ी जनता की शि ं कारी कोलाहल की सूचना से भंग करू, तथािप म िववश हो कर यह प आपको ँ
ाचार के िखलाफ एक मज़बूत जन-लोकपाल लाने की तरफ कदम बढ़ाए. लेिकन कु छ ामक कदम
उठाने के अलावा सरकार ने अब तक इस मु े पर कोई ठोस कायर्वाई नह की. एक ओर तो माननीय धानमं ी जी प िलख कर आपको आ स्त करते ह िक लोकपाल की िदशा म आवश्यक कायर्वाई होगी, तो दूसरी ओर स ाधारी पाट के नेतागण आपकी और कोर किमटी के एक-एक को धूिमल करने म जी-जान से जुटे ह. दरअसल इस संघषर् म िवराट जन-शि सन्देश के अतिर के अलावा तीन महत्वपूणर् भाग और ह, िजन म आप के नेतृत्व, आप के ित पूरे देश को अखंड और अटू ट िव ास है. यही कारण है िक ारा आपके ऊपर एक संगठनात्मक ढांचा भी मुख तत्व है . ाचािरय के बस म अब नह है .पहले जब कु छ राजनैितक चेहर ं कारी ताक़ ि की सावर्जिनक छिव एवं िव सनीयता
आन्दोलन का नेतृत्व आपके हाथो म है िजस के आप को ल य करना यह , कु च ी और ष
मौिखक रूप से हमला करने की जो कोिशश की गयी, तब उसे जनता ने एक िसरे से ख़ािरज कर िदया था. अत: समझ गयी ह की आप पर हमला करने से जन-लोकपाल के बढ़ते ाचार के िखलाफ एक साथर्क संवैधािनक ाचार क़दम को रोकना संभव नह . आन्दोलन का सन्देश भी आप की ही तरह सरल और स्प है- " से लड़ाई". संपूणर् देश को इस पिव आन्दोलन के सन्देश (उ ेश्य) पर भी रं च मा संदह नह है. पूरा देश े िथत ह. इसिलए वाह आपकी एक आवाज़ पर चल पड़ने के िलए तत्पर है.
इस आन्दो ोलन की तीसर मह वपूणर् क ह वे कु छ लोग, जो आ री कड़ी आपके सहायक के रूप म इस आन्दोलन के िलए स क अहिनश क रत ह. इन सब सामान् पािरवािरक भारतीय न कायर् न न्य क नागिरक की भाई-बिहन की तरह न किमटी' औ मीिडया क िम 'टीम-अ ा' कहते ह, पर और के अ था भी अप करोड़ भा पने ारतीय ि गत ाचार से उप अराजकत ही है. इन सब लोगो के समूह, िजसे स पजी ता सामान्य लोग 'कोरताक़त की ओर से एक-एक कर िकए गए त स
हमले इस बात का माण ह, िक ये त ण ताक़ते इस बड़े संघषर् म सि य लोग को झठे, तात्कािल बे-बुिनयाद और झू लक, द छोटे आरो िक आड़ म आहत, तटस्थ या िनिष् य करना चाहती ह. इन सब ोप स्थ ती ाचािरय क मुख्य उ ेश् इस का श्य ामक जन-आन्दो ोलन को कमज़ करना औ जन-लोकपा की बजाए संगठन को ज् ज़ोर और ाल ए ज्यादा बड़ा मु ा बना कर म
तथ्य के आ आधार पर आन् न्दोलन को िदशा- िमत कर है. ये वही लोग ह जो स जिनक रूप से सामािजक क्षे रना ी सावर् प क म काम क वाले लोग या समूह क धमकी देते ह िक उन का भी वही हाल िकया जायेग जो ऐसी आ करने ग को ा ल गा आवाज़ उठाने वाले अन्य लोग का पूवर् म िकय जा चुका है. य िप हम ऐसे लोग या ताकत को अ िवचार य मन ले या अपने या म कु छ भी स्थान नह देते िकन्तु ऐसा तीत होता है िक इन सब हमल और उन की सफाई देने से मूल म े से ी ा ब ई मु धयान हटा का इन का षड़यं बलश ाने ा शाली होगा. ऐ होने पर न के वल जन-ल ऐसा लोकपाल का मु ा भािवत होगा, अिपतु करो भारतवा रोडो ािसय के उस िव ास को भी आघात प चेगा, िजस वो संवैधाि पहुं समे िनक, अिहसक और क शांितपूणर् त तरीके से देश की समस्या क का हल ढू ंढते ह. ऐसी िस्थत म बड़ी सहजता, आद और आपके अि तीय नेतत्व म संपूणर् िव ास के स म यह िन दन तय स दर क तृ साथ िनवे करना चाह हूँ, िक आप सीिमत लो की इस क किमटी क िवस्तार दे कर इसे १२ करोड़ लोग की हता आ लोग कोर को २१ ग 'हाडर्-कोर किमटी' म रूपांतिरत कर द. जैसा िक आ भी कहते ह, िक ये लड़ रू आप त ड़ाई नह , बिल्क ल्क तो िरकाल तथा अन्य मह वपूणर् ल' म ि या स ा पिरवतर्न की ा तर् वस्था-पि िरवतर्न की लड़ है. जन-ल ड़ाई लोकपाल के सा ाथ-साथ और बाद म 'राईट तो िरजेक्ट', 'राईट ट व वस्था पिरवतर्क आन्दोलन जो हम देश की जनता के साथ िमलकर लड़ ह, थ ड़ने एवं स्तुत ह. इन सब बात को ध्यान म रखते हुए म पुन: ए त व वस्था का सृजन कर,
उनम आप हर मोच पर एक नयी 'क पको प कोर-किमटी' औ एक नयी 'टीम अ ा' की ज़रुरत पड़ेग जो आप की एक और गी, आवाज़ पर चल पड़ने के िलए उत्सुक ितब र क, िजस से ाचार-मु आपसे िनवेदन करता हूँ िक आप इस वतर्मान कोर किमटी को स्थिगत कर ए नयी वे स र एक नव-भारत का हम सब का स न सपना साकार ह सके . हो
सादर र डा कु मार िव ास

Source : http://www.scribd.com/doc/70625799/Letter-to-Anna

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