News on Anna Hazareji and Team Anna Movement, Government of India
विवादों में घिरी टीम अन्ना की मेंबर किरन बेदी का साथ उनके ट्रैवल एजेंट ने छोड़ दिया है। उनके गैर सरकारी संगठन ( एनजीओ ) इंडिया विजन फाउंडेशन के एक संस्थापक सदस्य अनिल बल ने यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि किरन बेदी के यात्रा विवाद से उनकी इज्जत पर धब्बा लगा है। अनिल ही किरन बेदी की यात्राओं का बंदोबस्त देखते थे।
फ्लाइवेल ट्रैवल्स के मालिक अनिल ने कहा कि किरन बेदी ने अपने कार्यक्रमों के आयोजकों से ज्यादा पैसा वसूलने के आरोप के बचाव में जो तर्क दिए हैं , उनसे यह गलत धारणा बनी है कि इकॉनमी क्लास के टिकट पर यात्रा करके बिजनेस क्लास का किराया वसूलने के विवाद के पीछे मैं ही जिम्मेदार हूं। उन्होंने एक बयान जारी करके कहा कि इस मामले में जो हुआ , उससे मेरी इमेज खराब हुई। इसलिए मैंने आईवीएफ के ट्रस्टी पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने ट्रस्ट से कोई दूसरा ट्रेवल एजेंट नियुक्त करने की गुजारिश की है।
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अनिल ही किरन बेदी की यात्राओं का बंदोबस्त करते थे। फ्लाइवेल ट्रैवल्स के मालिक अनिल ने कहा कि किरन बेदी ने अपने कार्यक्रमों के आयोजनकों से ज्यादा पैसा वसूलने के आरोप के बचाव में जो तर्क दिए हैं, उनसे यह गलत धारणा बनी है कि इकॉनमी क्लास के लिए टिकट पर यात्रा करके बिजनेस क्लास का किराया वसूलने के विवाद के पीछे में ही जिम्मेदार हूं। उन्होंने एक बयान जारी करके कहा कि इस मामले में जो हुआ, उससे मेरी छवि खराब हुई है इसलिए मैंने आईवीएफ के ट्र्स्टी पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने ट्र्स्ट से कोई दूसरा ट्रैवल एजेंट नियुक्त करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि किरन बेदी पर अपने वीरता पदक के आधार पर हवाई यात्रा में छूट का फायदा उठाकर आयोजकों से बढ़ा-चढ़ाकर पैसा लेने का आरोप लगा है। विवाद बढ़ने पर बेदी ने किराए से अधिक ली गई राशि लौटाने की पेशकश करते हुए कहा है कि अनिल ट्रैवल अकाउंट मैनेज कर रहे थे, उनसे अधिक राशि लौटाने को कहा गया है। अनिल ने कहा कि मीडिया में आई कुछ खबरों में मुझे फाउंडेशन का ट्रेजरर तक बता दिया गया। कुछ चैनलों ने बिल दिखाते हुए दावा किया कि मेरी कंपनी ने जान-बूझकर ज्यादा रकम वाले बिल पेश किए थे। इससे उनकी इमेज खराब हुई है। अनिल 25 सालों से किनर बेदी के संपर्क में हैं और विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं में उनके साथ जु़डे रहे हैं। दूसरी तरफ पिछले दो सालों में किरन बेदी की यात्रा का खर्च देने वाले कुछ एनजीओ और संस्थाओं का कहना है कि उन्हें बताया गया था कि किरन बेदी केवल बिजनेस क्लास में ही सफर करती हैं। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि बेदी इकॉनमी क्लास में सफर कर रही है और बिजनेस क्लास बिल पेशकर पूरा भुगतान उठा लिया। इससे पहले किरन बेदी पर जब टिकट से ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप लगा था, तो उन्होंने कहा था कि उन्होंने पहले ही इस बाबत संस्थाओं को बता दिया है।
News Source : http://www.khaskhabar.com/one-more-shock-to-kiran-founder-member-quit-ngo-102011266475014008.html
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इसी बीच अन्ना हजारे ने पलटवार करते हुए सोमवार को एक और ब्लॉग में किरण बेदी और अपनी टीम का बचाव किया है। इस ब्लॉग में अन्ना ने कहा किरण बेदी पर हवाई यात्रा में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। किरण कई बार यह सपष्ट कर चुकी हैं कि यदि उन्होंने इस धन से अपना या अपने परिवार का भला किया हो तो सरकार अपनी किसी भी जांच एजेंसी से उनकी जांच करा सकती है और दोषी सिद्ध होने पर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर सकती है।
लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि सरकार ये करेगी। आरोप लगाना और बेईज्जती करना कुछ लोगों का मूल मंत्र बन चुका है। यह पहली बार नहीं है जब किरण बेदी के खिलाफ इस तरह के आरोप लगे हो। गैंग ऑफ फॉर (चार लोगों का गैंग) टीम अन्ना के प्रत्येक सदस्य के चरित्र का हरण कर रहा है। लेकिन ये चार लोग कौन है। ये वहीं हैं जो जनलोकपाल के पक्ष में नहीं है।
गौरतलब है कि किरण बेदी इंडिया विजन फाउंडेशन नाम से एनजीओ चलाती हैं और देश विदेश में कई तरह के समारोह में शामिल होती हैं। बेदी पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बिल लगाकर आयोजकों से गोष्ठियों में शामिल होने के लिए अधिक किराया वसूला।
अब तक अधिक पैसे लेने को जायज ठहराने वाली बेदी ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि एनजीओ के ट्रस्टियों ने उन्हें आयोजकों के निमंत्रण पत्र में उल्लेख किए गए क्लास में ही विमान यात्रा करने के लिए कहा है और अब तक कमतर दर्जे में यात्रा कर बचाए गए पैसे लौटाने के भी निर्देश दिए हैं। इस ट्वीट के जवाब में कुछ लोगों ने लिखा कि यह तो एक तरह से गलती मानने जैसा है।
बेदी ने कहा, ‘फाउंडेशन के ट्रस्टियों ने एक प्रस्ताव पारित कर मुझे निमंत्रण के मुताबिक सफर करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में मेरे पास मनमानी का कोई विकल्प नहीं बच पता है। ट्रस्टियों ने ट्रैवल एजेंट को किराए से बची रकम आयोजकों को लौटा देने के भी निर्देश दिए हैं।’
बेदी के एनजीओ में प्रहलाद कक्कड़, लवलीन थडानी, आचल पॉल, प्रदीप हलवासिया, अमरजीत सिंह और सुनील नंदा जैसे लोग हैं। लेकिन किरण बेदी की इस पेशकश पर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर भ्रष्ट लोग अपने पैसे लौटाने लगें तो उन्हें भी माफ कर दिया जाना चाहिए। तो ए. राजा जेल में क्यों हैं? राजा भी पैसे लौटा दें और जेल से बाहर आ जाएं।
आर्थिक अपराधों व आयकर से जुड़े नियम-कानून के जानकार, पूर्व आयकर आयुक्त विश्व बंधु गुप्ता ने कहा है कि इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि केजरीवाल इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के नाम पर हेराफेरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ दस्तावेज भी उनके हाथ लगे हैं, जिन्हें वह शीघ्र ही सार्वजनिक करेंगे।
गुप्ता के मुताबिक आईएसी का कोई कानूनी वजूद नहीं है। dainikbhaskar.com से बातचीत में गुप्ता ने बताया कि आईएसी की वेबसाइट ( इंडिया अगेंस्ट करप्शन.ओआरजी) का डोमेन अरविंद केजरीवाल ने 17 नवंबर, 2010 को रजिस्टर्ड कराया है। रजिस्ट्रेशन के लिए उन्होंने 'बी 5, सफदरजंग एनक्लेव' का पता और 9999512347 फोन दिया है। पर वेबसाइट पर कहीं भी, किसी भी रूप में पीसीआरएफ (पब्लिक काउज रिसर्च फाउंडेशन), जो केजरीवाल का एनजीओ है, का जिक्र नहीं है। लेकिन आईएसी के नाम पर दान में जुटाई गई रकम पीसीआरएफ के खाते में डाली गई है।
गुप्ता का यह भी दावा है कि रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन के दौरान मिली दान की रकम का पूरा ब्यौरा वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। इन आरोपों पर केजरीवाल का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन फोन कॉल रिसीव नहीं किया गया।
गुप्ता ने ट्विटर पर लिखा है, ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) में वित्तीय गड़बड़ी का सच सामने आने से पहले ही अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और किरण बेदी को टीम अन्ना छोड़ देना चाहिए। इस हेराफेरी में केजरीवाल और सिसौदिया सहित तीन लोग शामिल हैं। तीसरे शख्स का नाम आईएसी की वेबसाइट पर अन्ना हजारे की कोर टीम में नहीं दिखाया गया है।’
पूर्व नौकरशाह ने आगे लिखा है, ‘केजरीवाल और सिसौदिया भोले-भाले लोगों को मूर्ख बना सकते हैं लेकिन हम जैसे लोगों को नहीं, जो आर्थिक अपराध साबित करने में पारंगत हैं। मेरे पास 20 दस्तावेज हैं और मैं इन्हें सार्वजनिक कर सकता हूं कि किस तरह हेराफेरी हुई है। मैं दस्तावेजों के बिना नहीं बोलता हूं।’
News Source : http://www.bhaskar.com/article/NAT-fresh-allegations-against-team-anna-2522047.html?HT1a=?HT1=
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किरन के एनजीओ के ट्रस्टी और ट्रैवल एजेंट ने छोड़ा साथ
विवादों में घिरी टीम अन्ना की मेंबर किरन बेदी का साथ उनके ट्रैवल एजेंट ने छोड़ दिया है। उनके गैर सरकारी संगठन ( एनजीओ ) इंडिया विजन फाउंडेशन के एक संस्थापक सदस्य अनिल बल ने यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि किरन बेदी के यात्रा विवाद से उनकी इज्जत पर धब्बा लगा है। अनिल ही किरन बेदी की यात्राओं का बंदोबस्त देखते थे।
फ्लाइवेल ट्रैवल्स के मालिक अनिल ने कहा कि किरन बेदी ने अपने कार्यक्रमों के आयोजकों से ज्यादा पैसा वसूलने के आरोप के बचाव में जो तर्क दिए हैं , उनसे यह गलत धारणा बनी है कि इकॉनमी क्लास के टिकट पर यात्रा करके बिजनेस क्लास का किराया वसूलने के विवाद के पीछे मैं ही जिम्मेदार हूं। उन्होंने एक बयान जारी करके कहा कि इस मामले में जो हुआ , उससे मेरी इमेज खराब हुई। इसलिए मैंने आईवीएफ के ट्रस्टी पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने ट्रस्ट से कोई दूसरा ट्रेवल एजेंट नियुक्त करने की गुजारिश की है।
नहीं पता था बेदी की यात्रा का सच :संस्थाएं
पिछले 2 सालों में किरन बेदी की यात्रा का खर्च देने वाले कुछ एनजीओ और संस्थाओं के मुताबिक उन्हें बताया गया था कि किरन बेदी केवल बिजनेस क्लास में सफर करती हैं। इन संस्थाओं को यह जानकारी नहीं थी कि किरन बेदी इकॉनमी क्लास में सफर कर रही हैं और इन्होंने पेश किए गए बिल का पूरा भुगतान किया। इससे पहले किरन बेदी पर जब टिकट से ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप लगा था तो किरन बेदी ने कहा था कि उन्होंने पहले ही इस बाबत संस्थाओं को बता दिया है।
मुंबई के श्री महिला गृह उद्योग लिज्जत पापड़ की एडमिनेस्ट्रेटर आइरीन अलमेदा ने कहा, ‘ हमें बताया गया था कि किरन बेदी केवल बिजनेस क्लास में सफर करती हैं। ’ इस संस्था ने किरन बेदी को 6 अगस्त 2009 को एक कार्यक्रम में बुलाया था। किरन बेदी ने ज्यादा वसूली गई रकम वापस करने की बात कही है। इस पर आइरीन ने कहा, ‘ उनकी तरफ से अभी तक किसी ने भी रकम लौटाने के लिए हमसे संपर्क नहीं किया है।
News Source : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10490810.cms-------------------------------------
किरन बेदी को फिर झटका, उनकी संस्था के संस्थापक सदस्य ने छो़डा साथ
विवादों में घिरी टीमं अन्ना की अहम सदस्य किरन बेदी को बुधवार को एक और करार झटका लगा जब उनके गैर सरकारी संगठन इंडिया विजन फाउंडेशन के एक संस्थापक सदस्य अनिल बल ने उनका साथ छो़ड दिया। अनिल ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि किरन बेदी केयात्रा विवाद से उनकी इ”ात पर धब्बा लगा है।अनिल ही किरन बेदी की यात्राओं का बंदोबस्त करते थे। फ्लाइवेल ट्रैवल्स के मालिक अनिल ने कहा कि किरन बेदी ने अपने कार्यक्रमों के आयोजनकों से ज्यादा पैसा वसूलने के आरोप के बचाव में जो तर्क दिए हैं, उनसे यह गलत धारणा बनी है कि इकॉनमी क्लास के लिए टिकट पर यात्रा करके बिजनेस क्लास का किराया वसूलने के विवाद के पीछे में ही जिम्मेदार हूं। उन्होंने एक बयान जारी करके कहा कि इस मामले में जो हुआ, उससे मेरी छवि खराब हुई है इसलिए मैंने आईवीएफ के ट्र्स्टी पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने ट्र्स्ट से कोई दूसरा ट्रैवल एजेंट नियुक्त करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि किरन बेदी पर अपने वीरता पदक के आधार पर हवाई यात्रा में छूट का फायदा उठाकर आयोजकों से बढ़ा-चढ़ाकर पैसा लेने का आरोप लगा है। विवाद बढ़ने पर बेदी ने किराए से अधिक ली गई राशि लौटाने की पेशकश करते हुए कहा है कि अनिल ट्रैवल अकाउंट मैनेज कर रहे थे, उनसे अधिक राशि लौटाने को कहा गया है। अनिल ने कहा कि मीडिया में आई कुछ खबरों में मुझे फाउंडेशन का ट्रेजरर तक बता दिया गया। कुछ चैनलों ने बिल दिखाते हुए दावा किया कि मेरी कंपनी ने जान-बूझकर ज्यादा रकम वाले बिल पेश किए थे। इससे उनकी इमेज खराब हुई है। अनिल 25 सालों से किनर बेदी के संपर्क में हैं और विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं में उनके साथ जु़डे रहे हैं। दूसरी तरफ पिछले दो सालों में किरन बेदी की यात्रा का खर्च देने वाले कुछ एनजीओ और संस्थाओं का कहना है कि उन्हें बताया गया था कि किरन बेदी केवल बिजनेस क्लास में ही सफर करती हैं। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि बेदी इकॉनमी क्लास में सफर कर रही है और बिजनेस क्लास बिल पेशकर पूरा भुगतान उठा लिया। इससे पहले किरन बेदी पर जब टिकट से ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप लगा था, तो उन्होंने कहा था कि उन्होंने पहले ही इस बाबत संस्थाओं को बता दिया है।
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किरण के बचाव में आए अन्ना, कहा- साथियों का चरित्र हरण कर रही सरकार
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी टीम अन्ना की प्रमुख सदस्य किरण बेदी अब आयोजकों से वसूला गया अधिक पैसा लौटाने का मन बना रही हैं। पूरे प्रकरण को निपटाने के लिए किरण बेदी अब आयोजकों से वसूला गया अधिक किराया लौटा देंगी।इसी बीच अन्ना हजारे ने पलटवार करते हुए सोमवार को एक और ब्लॉग में किरण बेदी और अपनी टीम का बचाव किया है। इस ब्लॉग में अन्ना ने कहा किरण बेदी पर हवाई यात्रा में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। किरण कई बार यह सपष्ट कर चुकी हैं कि यदि उन्होंने इस धन से अपना या अपने परिवार का भला किया हो तो सरकार अपनी किसी भी जांच एजेंसी से उनकी जांच करा सकती है और दोषी सिद्ध होने पर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर सकती है।
लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि सरकार ये करेगी। आरोप लगाना और बेईज्जती करना कुछ लोगों का मूल मंत्र बन चुका है। यह पहली बार नहीं है जब किरण बेदी के खिलाफ इस तरह के आरोप लगे हो। गैंग ऑफ फॉर (चार लोगों का गैंग) टीम अन्ना के प्रत्येक सदस्य के चरित्र का हरण कर रहा है। लेकिन ये चार लोग कौन है। ये वहीं हैं जो जनलोकपाल के पक्ष में नहीं है।
गौरतलब है कि किरण बेदी इंडिया विजन फाउंडेशन नाम से एनजीओ चलाती हैं और देश विदेश में कई तरह के समारोह में शामिल होती हैं। बेदी पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बिल लगाकर आयोजकों से गोष्ठियों में शामिल होने के लिए अधिक किराया वसूला।
अब तक अधिक पैसे लेने को जायज ठहराने वाली बेदी ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि एनजीओ के ट्रस्टियों ने उन्हें आयोजकों के निमंत्रण पत्र में उल्लेख किए गए क्लास में ही विमान यात्रा करने के लिए कहा है और अब तक कमतर दर्जे में यात्रा कर बचाए गए पैसे लौटाने के भी निर्देश दिए हैं। इस ट्वीट के जवाब में कुछ लोगों ने लिखा कि यह तो एक तरह से गलती मानने जैसा है।
बेदी ने कहा, ‘फाउंडेशन के ट्रस्टियों ने एक प्रस्ताव पारित कर मुझे निमंत्रण के मुताबिक सफर करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में मेरे पास मनमानी का कोई विकल्प नहीं बच पता है। ट्रस्टियों ने ट्रैवल एजेंट को किराए से बची रकम आयोजकों को लौटा देने के भी निर्देश दिए हैं।’
बेदी के एनजीओ में प्रहलाद कक्कड़, लवलीन थडानी, आचल पॉल, प्रदीप हलवासिया, अमरजीत सिंह और सुनील नंदा जैसे लोग हैं। लेकिन किरण बेदी की इस पेशकश पर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर भ्रष्ट लोग अपने पैसे लौटाने लगें तो उन्हें भी माफ कर दिया जाना चाहिए। तो ए. राजा जेल में क्यों हैं? राजा भी पैसे लौटा दें और जेल से बाहर आ जाएं।
आर्थिक अपराधों व आयकर से जुड़े नियम-कानून के जानकार, पूर्व आयकर आयुक्त विश्व बंधु गुप्ता ने कहा है कि इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि केजरीवाल इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के नाम पर हेराफेरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ दस्तावेज भी उनके हाथ लगे हैं, जिन्हें वह शीघ्र ही सार्वजनिक करेंगे।
गुप्ता के मुताबिक आईएसी का कोई कानूनी वजूद नहीं है। dainikbhaskar.com से बातचीत में गुप्ता ने बताया कि आईएसी की वेबसाइट ( इंडिया अगेंस्ट करप्शन.ओआरजी) का डोमेन अरविंद केजरीवाल ने 17 नवंबर, 2010 को रजिस्टर्ड कराया है। रजिस्ट्रेशन के लिए उन्होंने 'बी 5, सफदरजंग एनक्लेव' का पता और 9999512347 फोन दिया है। पर वेबसाइट पर कहीं भी, किसी भी रूप में पीसीआरएफ (पब्लिक काउज रिसर्च फाउंडेशन), जो केजरीवाल का एनजीओ है, का जिक्र नहीं है। लेकिन आईएसी के नाम पर दान में जुटाई गई रकम पीसीआरएफ के खाते में डाली गई है।
गुप्ता का यह भी दावा है कि रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन के दौरान मिली दान की रकम का पूरा ब्यौरा वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। इन आरोपों पर केजरीवाल का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन फोन कॉल रिसीव नहीं किया गया।
गुप्ता ने ट्विटर पर लिखा है, ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) में वित्तीय गड़बड़ी का सच सामने आने से पहले ही अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और किरण बेदी को टीम अन्ना छोड़ देना चाहिए। इस हेराफेरी में केजरीवाल और सिसौदिया सहित तीन लोग शामिल हैं। तीसरे शख्स का नाम आईएसी की वेबसाइट पर अन्ना हजारे की कोर टीम में नहीं दिखाया गया है।’
पूर्व नौकरशाह ने आगे लिखा है, ‘केजरीवाल और सिसौदिया भोले-भाले लोगों को मूर्ख बना सकते हैं लेकिन हम जैसे लोगों को नहीं, जो आर्थिक अपराध साबित करने में पारंगत हैं। मेरे पास 20 दस्तावेज हैं और मैं इन्हें सार्वजनिक कर सकता हूं कि किस तरह हेराफेरी हुई है। मैं दस्तावेजों के बिना नहीं बोलता हूं।’
News Source : http://www.bhaskar.com/article/NAT-fresh-allegations-against-team-anna-2522047.html?HT1a=?HT1=
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